Madan lal dhingra biography in hindi
मदनलाल ढींगरा: एक “बहिष्कृत” देशभक्त - Live History India.
मदनलाल ढींगरा
मदनलाल ढींगरा | |
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मदनलाल ढींगरा (1883-1909) | |
जन्म | 18 फ़रवरी 1883 अमृतसर, पंजाब, ब्रिटिश भारत |
मौत | 17 अगस्त 1909(1909-08-17) (उम्र 26 वर्ष) पेंटविले जेल, लन्दन यू॰के॰ |
मदनलाल ढींगरा (१८ फरवरी १८८३ — १७ अगस्त १९०९) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अप्रतिम क्रान्तिकारी थे। भारतीय स्वतंत्रता की चिनगारी को अग्नि में बदलने का श्रेय महान शहीद मदन लाल धींगरा को ही जाता है । भले ही मदन लाल ढींगरा के परिवार में राष्ट्रभक्ति की कोई ऐसी परंपरा नहीं थी किंतु वह खुद से ही देश भक्ति के रंग में रंगे गए थे । वे इंग्लैण्ड में अध्ययन कर रहे थे जहाँ उन्होने विलियम हट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। कर्जन वायली की हत्या के आरोप में उन पर 23 जुलाई, 1909 का अभियोग चलाया गया । मदन लाल ढींगरा ने अदालत में खुले शब्दों में कहा कि "मुझे गर्व है कि मैं अपना जीवन समर्पित कर रहा हूं।" यह घटना बीसवीं शताब्दी में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की कुछेक प्रथम घटनाओं में से एक है।
आरम्भिक जीवन
[संपादित करें]मदनलाल धींगड़ा का जन्म १८ फरवरी सन् १८८३